चारों तरफ सन्नाटा, रास्ता सुनसान था, ना कोई परिंदा , ना कोई इंसान था, घने जंगल से लगता, एक पुराना श्मशान था, श्मशान के बीच में एक जर्जर मकान था, कदम मेरे चल पड़े उस मकान की ओर, तभी सुनाई दिया मुझे, किसी के हँसने का शोर पसीना माथे पे घना, दिल धड़कता जोर से, हाथ पैर कांप रहे, उस भयानक शोर से, हि, हि, हि, हि, हि, हि, हि, हि, हि, जाके देखा मैंने वहां, आवाज कब्र से आ रही है, पास आओ, मेरे पास आओ, करके मुझे बुला रही है, और अचानक से, एक औरत कब्र से बाहर आई, भयानक चेहरा, बिखरे हुए बाल, मोटी लाल आँखे, उसने मुझे पकड़ लिया, बोली मेरे साथ चलो, मैं डर के मारे गिर पड़ा, मैंने कहा तुम मर चुकी हो, उसने कहा मैं आज भी जिंदा हूँ, मैं आज भी जिंदा हूँ, और मैं बेहोश हो गया, सुबह अपने आप को पास के गांव में पाया। ©Manoj Aseer #manojmustaneer #Anhoni