Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat ज़िन्दगी की सच्चाइयों से भाग कर जाऊं कहां। किसने हक दिया के मैं कहीं खो जाऊं यहां। तब वो वक़्त था लाचार समझती थी। अब ये वक़्त है वीरांगना से कम नहीं। खुद को झंझोड़ कर एक दिन पूछ ही बैठी । खुद को आईने के सामने कबूल कर बैठी । तू ये नहीं।तू वो है जिसने दुनिया अभी जानती नहीं।.तू वो थी कभी और थी। जिसे दुनिया पहचानती ही नहीं। मैं खुद को अभी पहचान ही रही थी। दुनियां ने तो फ़ैसले सुना दिए। अब वक़्त एक दिन खुद बताएगा में को हूं।सवालों के कटघरे में खुद को नहीं खड़ा पाऊंगी। मैं खुद पर सवाल का जवाब बन जाऊंगी। मैं सही वक़्त का इंतजार नहीं करती।सही वक़्त लाने का हिसाब रखती ही। मैं अभिमान ही मैं स्वाभिमान ही। मैं वीरांगना हूं। मैं ज्योति ज्वाला हूं। मैं मां हूं। मैं शक्ति हूं। जिसका कोई परिचय नहीं।वो खुद में भभक्ते शोलों में जलती बूझती फिर भी खुद को प्रचंड करती। हज़ारों को पालने के जिगरें रखती।विशाल इसका स्वरूप है।सुशील सर्व गुणों से सुशोभित है।वो औरत है।वो औरत है। #Women#respect#mythoughts#love#life#motherhood#believe#god #blessings #words #meanings #depth Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat ज़िन्दगी की सच्चाइयों से भाग कर जाऊं कहां। किसने हक दिया के मैं कहीं खो जाऊं यहां। तब वो वक़्त था लाचार समझती थी। अब ये वक़्त है वीरांगना से कम नहीं।