लफ्ज़ हकीकत को बयां नहीं करते, अश्क मोती में तब्दील हुआ नहीं करते, दिल्लगी की डोर गर टूट जाए, 'साथी' सुलझाने की पहल किया नहीं करते| - शुभम गुप्ता *साथी से अभिप्राय प्रेमी युगल साथियों से अनुरोध है गलतफहमियों को जितनी जल्दी हो सके सुलझा लेना चाहिए यदि ऐसा नहीं किया गया तो यह रिश्ते की डोर टूट जाती है और रिश्ता कमजोर पड़ जाता है |