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बहुत ली अंगड़ाई मैंने वह निशान नहीं दिखाई दी बहु

बहुत ली   अंगड़ाई मैंने
वह निशान नहीं दिखाई दी
बहुत जगह डाला डेरा मैंने
बिस्तर होने सरवटे खाई 
 पर वो रात्रि नहीं मिल पाई 
जहां सुकून से सो सकूं 
कुछ यादें ताजा कर सकूं
 उसके साथ 
कुछ खुशी के पल बिता सकूं
 दिल  है हाल जान सकूं 
कुछ अपने बयां
 कर सकूं ए वक्त
तुझ से ही दरख्वास्त है
 मुझे कुछ हंसी के दोस्त दे दे तू 
कुछ कुछ रात पकड़ा दे तू
 फिर उसके साथ मुलाकातें हूं
h by Praveen rajsthani milane ki Chahat
बहुत ली   अंगड़ाई मैंने
वह निशान नहीं दिखाई दी
बहुत जगह डाला डेरा मैंने
बिस्तर होने सरवटे खाई 
 पर वो रात्रि नहीं मिल पाई 
जहां सुकून से सो सकूं 
कुछ यादें ताजा कर सकूं
 उसके साथ 
कुछ खुशी के पल बिता सकूं
 दिल  है हाल जान सकूं 
कुछ अपने बयां
 कर सकूं ए वक्त
तुझ से ही दरख्वास्त है
 मुझे कुछ हंसी के दोस्त दे दे तू 
कुछ कुछ रात पकड़ा दे तू
 फिर उसके साथ मुलाकातें हूं
h by Praveen rajsthani milane ki Chahat