यहाँ सब कुछ बिकता है, दोस्तों रहना जरा संभल के! बेचने वाले हवा भी बेच देते हैं, गुब्बारों में डाल के। सच बिकता है, झूठ बिकता है, बिकती है हर कहानी! तीन लोक में फैला है, फिर भी बिकता है बोतल में पानी। कभी फूलों की तरह मत जीना, जिस दिन खिलोगे, टूट कर बिखर जाओगे। जीना है तो पत्थर की तरह जियो, जिस दिन तराशे गए उस दिन "खुदा" बन जाओगे।। ©Srashti Tyagi #alone😔😔