कुछ इश्क़ लखनऊ जैसा हो, कुछ बिखरे कागज़ों में सिमटा हो Read in caption कुछ इश्क़ लखनऊ जैसा हो, कुछ बिखरे कागज़ों में सिमटा हो कुछ दिल का टुकड़ा जैसा हो कुछ इश्क़ मधुबन जैसा हो। शाम की चमचमाती आखिरी रोशनी को, खुद में छिपाए जैसा हो कुछ इश्क़ लखनऊ जैसा हो