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गई तू जिस शाम में उस शाम को शाम नहीं बदनुमा दाग कह

गई तू जिस शाम में उस शाम को शाम नहीं बदनुमा दाग कहूंगा 
आई अगर लोट कर मेरी जिंदगी  में वो शाम तो में उसे रोकूंगा नहीं चल भाग कहूंगा। चमक है दुनिया की ओर धमक हे ......
गई तू जिस शाम में उस शाम को शाम नहीं बदनुमा दाग कहूंगा 
आई अगर लोट कर मेरी जिंदगी  में वो शाम तो में उसे रोकूंगा नहीं चल भाग कहूंगा। चमक है दुनिया की ओर धमक हे ......

चमक है दुनिया की ओर धमक हे ......