खोजता हूं फिर रहा,, मैं जिस किसी को रात दिन वो शख्स मिल जाए अगर,, पूरी मेरी तलाश हो खोजता हूं फिर रहा मैं,, जिस किसी को रात दिन वह अक्स मिल जाए अगर ,,पूरी मेरी तलाश हो मिले तुझे गर बो कहीं तो ,,कहना उससे ए पवन ढूंढता हूं उसको ,मैं हर गली ,हर चमन मिले तुझे गर वह.कहीं तो जाके उसको बोल दे गली से उसकी जा रहा ,,वो आके मुझको रोक ले writter,,mr..,j.s., (( nikhattu)) talash hai