काँच के घर में रहता हूँ मैं, कोई खिड़की टूट न जाए इसी डर में रहता हूँ मैं, उसने मुझे नजर अंदाज किया, तो क्या, खुशनसीब हूँ कि अपनों की नजर में रहता हूँ मैं..... शायर शरीफ खिड़की - रिश्ता #Nojoto, #Shayari, #Shayar_Sharif, #Rishta, #Najarandaj