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आज शाम को मैं काम से फुर्सत पाकर यूं ही बेठा-बैठ

आज शाम को मैं काम से फुर्सत पाकर 
 यूं ही बेठा-बैठा तेरे बारे में सोच रहा था
कि कैसे हम मिले और कैसे बिछड़ गए।
जुदा करने को हमें जवाने वाले अड़ गए।
हालात के तुफा में ख्वाब हमारे बह गए।।

तभी तेरी खुशबू से मेरी सांसें महक गयी
ठंडी हवा मेरी जुल्फों को सहलाने लगी।
तेरी छुअन का अहसास गुदगुदाने लगा
खुशी के मारे ये आंखें नम हो जाने लगी। 
अनायास पूरी दुनिया हसी नजर आने लगी।।

©Nilam Agarwalla #तुम्हारा_ख्याल
आज शाम को मैं काम से फुर्सत पाकर 
 यूं ही बेठा-बैठा तेरे बारे में सोच रहा था
कि कैसे हम मिले और कैसे बिछड़ गए।
जुदा करने को हमें जवाने वाले अड़ गए।
हालात के तुफा में ख्वाब हमारे बह गए।।

तभी तेरी खुशबू से मेरी सांसें महक गयी
ठंडी हवा मेरी जुल्फों को सहलाने लगी।
तेरी छुअन का अहसास गुदगुदाने लगा
खुशी के मारे ये आंखें नम हो जाने लगी। 
अनायास पूरी दुनिया हसी नजर आने लगी।।

©Nilam Agarwalla #तुम्हारा_ख्याल