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मेरा घर आंगन सुना कर गए, मेरे दिल के टुकड़े मुझे त

मेरा घर आंगन सुना कर गए,
मेरे दिल के टुकड़े मुझे तन्हा कर गए।
अब कोई आवाज़ सुनाई नहीं देती,
अपना आदि मुझे इस तरहा कर गए।

मर मर के जी रहा हूं बस सांस बाकी है,
लौट आने की इक आस बाकी है।
कोई ख़बर मुझको दे दे मेरे जान से प्यारों की,
मेरी ज़िन्दगी को क्यूं कर वीरां कर गए।

पत्थर का कलेजा मैं कहां से ले के आऊं,
अपने दिल की तड़प को किस तरहा समझाऊं।
दुनिया की कोई चीज़ सुकून नहीं देती।
उजड़ा हुआ मेरा गुलिस्तां कर गए।
हिसाम

©✍️Hisamuddeen Khan 'hisam' #pitakaprem Mere bol  Antima Jain Adhury Hayat Pallavi Srivastava  Ayesha Aarya
मेरा घर आंगन सुना कर गए,
मेरे दिल के टुकड़े मुझे तन्हा कर गए।
अब कोई आवाज़ सुनाई नहीं देती,
अपना आदि मुझे इस तरहा कर गए।

मर मर के जी रहा हूं बस सांस बाकी है,
लौट आने की इक आस बाकी है।
कोई ख़बर मुझको दे दे मेरे जान से प्यारों की,
मेरी ज़िन्दगी को क्यूं कर वीरां कर गए।

पत्थर का कलेजा मैं कहां से ले के आऊं,
अपने दिल की तड़प को किस तरहा समझाऊं।
दुनिया की कोई चीज़ सुकून नहीं देती।
उजड़ा हुआ मेरा गुलिस्तां कर गए।
हिसाम

©✍️Hisamuddeen Khan 'hisam' #pitakaprem Mere bol  Antima Jain Adhury Hayat Pallavi Srivastava  Ayesha Aarya