हमको रात में नींद नही आ रही थी, फिर भी हम सोने की कोशिश कर रहे थे । नींद रूठ गई थी आंखों से, और तड़प तड़प के मर मर रहे थे। मैं इस जिंदगी से ऊबने लगा था , बिन बादल ये सूरज डूबने लगा था । जो एक पल ना हमसे आंखों से दूर रखते थे, अब उनकी आंखों में चुभने लगा था। शायद उनकी कोई परेशानी थी, थोड़ा कर रही वो बेईमानी थी । जो दिखाए थे वो सपने , शायद उनकी नादानी थी पूरी रात मेरी नयनों में वो चल रही कहानी थी #NojotoQuote नींद नहीं आ रही थी