बहुत प्यासा हुँ मैं तेरे चाहत का ऐ जानेमन, मेरी अब प्यास बुझा दो बड़ी उम्मीद लिए बैठा हुँ इश्क़ मे तुझसे पास आकर तू मेरी हर एक आश मिटा दो कब तक जीऊ मारा मारा अधूरी तमन्ना लेकर कभी तो मेरी बाहों मे खुद की एहसास करा दो