बंजर रेत सा है रास्ता इसको हँसकर पार करना आता है मुझे।।। राह मे कितने भी पत्थर क्यो न हो गिर कर खड़ा होना आता है मुझे , जिंदगी इम्तिहान ले रही, अरे ले लेने दो हँसकर खड़ा होना आता है मुझे।।।। साथ देने वाले छोड़कर चले गये वो मेरे अपने बस इस बात का दुख है।। चलो कोई बात नही अपना कौन है इस बात का तो पता चला।।।। गुज़र जायेगी इम्तिहान की घड़ी भी, निकल जाएंगे रास्ते भी।।। बस सही वक्त का इंतजार ..करना आता है मुझे। रास्ते भी कट जायेंगे, अच्छे दिन भी आयेगे। इन्हे हँसकर गुज़ार दे बंदिया,रेत सी जिंदगी भी हसीन हो जायेगी।। 20-07-2021 ✍✍✍ ©Deepika Pal #इम्तिहान की घड़ी