"नफरत" 'बुरी हैं न पालो इसे, 'दिलों में खलिस है तो हटा लो उसे, 'न तेरा न मेरा न इसका न उसका, हम सबका वतन है संभालो इसे।। ©Durga Yadav sikhana aur sikhana