हवा ज़ोरो की चल रही आंधी के आसार है सुना है मरघट में लगा लाशों का बाज़ार है अंगारों में गिर पड़ा यह बारुद सा आज़ार है फैल चुकी है गांव-शहर राख की भरमार है मसनद के मरें मरकर भी मरघट के ही बाहर है कतार हुई लाज़मी मजमा जो यम के द्वार है। ©KPR Originals Masnad ke mare💰 Masnad: Ameero ki baithne ki gaddhi (Masnad ke mare: Paiso ke lobhi)