किसी से है आज जाना परिवार चलाते चलाते खुद को हीं गई भूल है शौक उन्हें भी उड़ने का लेकिन पाया है किस्मत पिंजड़े में रहने का न किसी ने सिखाया पिंजरा को तोड़ना न किसी ने सिखाया आसमान में उड़ना अब तड़पती है तो वो फैलाती है पंख अपना जो पिंजरा में रह कर भूल गई है उड़ना कहना हमारा बस इतना है जो भी हो खुल कर करो इजहार न डरो अब अपनों से यार अपनों ने हीं तो तुम्हें रोका है उड़ना अगर है तो जोड़ से करो प्रहार पिंजड़ा जरूर टूटेगा और एक दिन जरूर तुम उड़ोगे फिर सब अपने तुम्हें गले लगाएंगे और हंसी खुशी मिलकर परिवार को चलाएंगे । ©MUSAFIR............. ON THE WAY #emotional_sad_shayari Puneet Arora Sunny Dhanya blackrocks gaTTubaba