मिटाता शरीर ========== ये जिस्म ये जान जब तक हैं सब कुछ हैं जहाँ ये खत्म सब कुछ खत्म हो जाता हैं प्यार भी किसी और से हो जाता हैं दिल किसी और पर आ जाता हैं उस को भूल जाता हैं जिस पर कभी जान लुटाता था, बहुत सारी कस्मे खाई थी इंसान भी मतलबी बन जाता हैं ये जिस्म और जान का खेल मरने के बाद खत्म हो जाता हैं जो नाज़ था मिटते शरीर पर वो होले होले एक अनंत यात्रा पर चला जाता हैं जहाँ सुकून हैं हमेशा के नींद मे सो जाता हैं जो कभी नहीं खुलती, ऐसी चिर निंद्रा मे चला जाता हैं! ©POOJA UDESHI #Shareer #Mauth #NationalSimplicityDay