छतरी के छत के नीचे अधरो का प्रिय स्पर्श हुआ, तन की आकुलता क्षीण हुई रोम रोम मे हर्ष हुआ। प्रथम मिलन की बेला मे रिमझिम संगीत बजा बारिश का, हृदय मे प्रेम अंकुरित हो नई ऊर्जा का संचार हुआ। प्रेमातुर नवयौवना ने फिर से जब लिया अंगडाई है, प्रकृति ने भी खूब साथ दिया मौसमें-बहार का जन्म हुआ। दो जीवन एकाकार हुए जब इंद्रदेव का आशीर्वाद मिला, तन-मन मे शीतलता आयी जब प्रिये से प्रिय का मिलन हुआ।। 💝💝💝💝💝 【लक्ष्मीनरेश】 #चंचल_मन