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दिसंबर की सर्दी और चाय हो, तुम मेरे पास आए हो, बात

दिसंबर की सर्दी और चाय हो,
तुम मेरे पास आए हो,
बातें चलें चाहे इधर उधर की,
तुम बीच बीच मुस्कुराए हो,
चांद भी भीनी रोशनी दे,
कोहरे की चादर चमकती दिखे,
और मैं तुम्हें देखता के सोचता रहूं,
ये मेरा सपना है या तुम हकीकत में आए हो।

©Nikhil Batra #LoveInDecember 

दिसंबर की सर्दी और चाय हो,
तुम मेरे पास आए हो,
बातें चलें चाहे इधर उधर की,
तुम बीच बीच मुस्कुराए हो,
चांद भी भीनी रोशनी दे,
कोहरे की चादर चमकती दिखे,
दिसंबर की सर्दी और चाय हो,
तुम मेरे पास आए हो,
बातें चलें चाहे इधर उधर की,
तुम बीच बीच मुस्कुराए हो,
चांद भी भीनी रोशनी दे,
कोहरे की चादर चमकती दिखे,
और मैं तुम्हें देखता के सोचता रहूं,
ये मेरा सपना है या तुम हकीकत में आए हो।

©Nikhil Batra #LoveInDecember 

दिसंबर की सर्दी और चाय हो,
तुम मेरे पास आए हो,
बातें चलें चाहे इधर उधर की,
तुम बीच बीच मुस्कुराए हो,
चांद भी भीनी रोशनी दे,
कोहरे की चादर चमकती दिखे,
nikhilbatra1720

Nikhil Batra

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