नफरत का रंग इस कद्र चढ़ने लगा है,इंसा ही इंसा को कत्ल करने लगा है//१
सारे जहा को भी साफ दिखने लगा है,अब चुनावी बिगुल बजने लगा है//२
कट्टरता से देश रंगने लगा है,के अब इबादतो में*दखल पड़ने लगा है//३*छेड़छाड़
*रहनुमाओं को फिर से लगने लगा है,सिक्का हमारा
..लने लगा है//४*नेतागण #sadness#shamawritesBebaak