Unsplash क़दमों में रख ये जहाँ तेरे,मुक़म्मल इश्क़ की परिभाषा लिखुँ..! कोई चाह न दूजी मेरे सनम,एकलौती अपनी अभिलाषा लिखुँ..! ©SHIVA KANT(Shayar) #Book #abhilasha