आओ मिल जाओ मुझे,बेताबियों का मौसम है परवाह मत करो फ़िसलने की,बारिशों का मौसम है कोई रविश,कोई तरीका बताओ,आज़माइशों का मौसम है ख़ूबसूरत मैं नहीं, तेरी निगाहें हैं,पैमाइशों का मौसम है आंखों में तेरी डूबना चाहता हूं,फ़रमाइशों का मौसम है चांद से भी ज्यादा ख़ूबसूरत लग रही हो,नुमाइशों का मौसम है जानबूझ कर मेरी उलझनें न बढ़ाओ,ख्वाहिशों का मौसम है कभी नज़रें मिलाओ,कभी नज़रें चुराओ,सिफ़ारिशों का मौसम है हद में रहकर तुमसे इश्क किया है,नादानियों का मौसम है कभी तुम सताओ,कभी तुम मुस्कुराओ,मेहरबानियों का मौसम है धीरे-धीरे ही सही मेरे करीब आओ,गुस्ताख़ियों का मौसम है तुम भी कभी कोई किस्सा सुनाओ,गुज़ारिशों का मौसम है... © trehan abhishek ♥️ Challenge-666 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।