तेरे कदमों की माटी नजाने कब मेरे माथे जा लगी बरसे नुर तेरी रहमते मेरे गले आ लगी । जिसने अपना हाथ मेरे सिर रखा वो कौन था । मेरी सारी हसरते उसके साये में मुकम्मल हो जाने लगी । ।🙇🏻♂️🙌😔😍 by meri kalam ✍️ sai ji 😔🙏🏻