" कितनी हसरत लेकर हम भी चले थे उनके साथ , मगर वे साथ थे सिर्फ एक जिस्मँ की तरहाँ "........ " कितनी हसरत लेकर हम भी चले थे उनके साथ , मगर वे साथ थे सिर्फ एक जिस्मँ की तरहाँ "........