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क़यामत नज़र से इस क़दर हो रही है कि सहर-ए-इश्क वजा

क़यामत नज़र से इस क़दर हो रही है
कि सहर-ए-इश्क वजा नज़र हो रही है ♥️ आइए लिखते हैं दो मिसरे प्यार के :)

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♥️ केवल 2 पंक्ति लिखनी हैं और वो भी प्यार की।

♥️ कृपया स्वरचित एवं मौलिक पंक्तियाँ ही लिखें।
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