बेशक वाकिफ हूं हालत-ए-हाल से फिर भी है शुक्र खुदा का, हर हाल में गुलज़ार हूं मैं, नादानियां महज तरीका है, खुश-मिजाज दिखने का, भला ये भी कोई सलीका है जीने का, अब तो खुद को भी नागवार हूं मैं..... #बेशक #वाकिफ #हालात_ए_हाल #शुक्र #खुदा #नादानियां #सलीका #नागवार