ना जाने मेरे पीछे क्यूँ पड़े हैं जमाने वाले । मेरे अपने ही हैं मेरी कश्ती डुबाने वाले।। मेरे अपनों का पसंदीदा शिकार हूँ मैं। तो ले आओ ढाल और बर्छे तैयार हूँ मैं । सोचता हूँ इन अपनों से बिछड़ के कहाँ जाऊँगा बड़ा खर्चा है जनाब इतनी आस्तीन कहाँ से लाउँगा #vedaant_hansabat #alone #vedaant_hansabat #feelingofmyheart