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सिंदूरी सपनें धर कर में, कल तेरी जोहे बाट प्रिये स

सिंदूरी सपनें धर कर में, कल तेरी जोहे बाट प्रिये
सहर्षित संग उसके जाओ,व्यथित न होओ मेरे लिए
दे न सकूँगा मोद तुझे वो,जैसे तेरे सपनें है 
और कभी मैं ये न चाहूँ , तूँ जीवन  घुट -घुट के जिए

©प्रभात शर्मा
  #sunrays