जीवन के पर्दे पर, हम औऱ तुम खेल रहे हैं, नसीब औऱ हालात के बेलन से, जीवन की रोटी बेल रहे हैं। कभी रोटी होती आढी-टेढी, कभी गोल बन जाती हैं। रोटी गोल ही सबको भाती, आढी-टेढी लोगो से खाई नहीं जाती हैं। खुश दोनों ही नहीं, गोल रोटी वाला चाहता है तंदूरी, और दूसरा चाहे रोटी गोल, कोई अपनी रोटी से संतुष्त नहीं हैं। #yqdidichallenge #yqdidi #yqbaba #yqtales #YourQuoteAndMine # YourQuote Didi #satisfactioninlife #yqdidihindipoetry Please do suggest modification and honest review of these lines.