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उसकी मुस्कुराती आंखें कुछ कह गई, उसके चलने की छन

उसकी मुस्कुराती आंखें  कुछ कह गई, उसके चलने की  छनछनाहट दिल के झरोखे से गुजर गई, उससे दिल लगाने की चाहत तो बहुत थी जनाब
  पर  कमबख्त वो फिर सामने ही नहीं आई। मेरी डायरी@@शायरी
उसकी मुस्कुराती आंखें  कुछ कह गई, उसके चलने की  छनछनाहट दिल के झरोखे से गुजर गई, उससे दिल लगाने की चाहत तो बहुत थी जनाब
  पर  कमबख्त वो फिर सामने ही नहीं आई। मेरी डायरी@@शायरी

मेरी डायरी@@शायरी