Nojoto: Largest Storytelling Platform

जिन रिश्तों को निभाने के लिए आज की पीड़ी को समय ही

जिन रिश्तों को निभाने के लिए आज की पीड़ी को समय ही नहीं है। बस सोसल मीडिया में ही रिश्तों को निभाने का रिवाज चल दिया है। जब तक मां बाप सास ससुर भाई बहन जिन्दा हैं तब उनकी कोई वेल्यू ही नहीं और मरने के बाद ऐसे पूजते हैं जैसे उन सभी से निस्वार्थ प्रेम है। ऐसे ढोंग से क्या फायदा जो जिन्दा से तो जलन और उनकी माला टंगी फोटो से प्रेम का दिखावा करें। ये सभी पर निर्भर करता है। किसी एक व्यक्ति को समर्पित नहीं है। ये आज की न्यु जेनरेशन को समर्पित है।
जय श्री राम जय श्री कृष्णा

©Santosh Kumar Dubey rishtye 

#us
जिन रिश्तों को निभाने के लिए आज की पीड़ी को समय ही नहीं है। बस सोसल मीडिया में ही रिश्तों को निभाने का रिवाज चल दिया है। जब तक मां बाप सास ससुर भाई बहन जिन्दा हैं तब उनकी कोई वेल्यू ही नहीं और मरने के बाद ऐसे पूजते हैं जैसे उन सभी से निस्वार्थ प्रेम है। ऐसे ढोंग से क्या फायदा जो जिन्दा से तो जलन और उनकी माला टंगी फोटो से प्रेम का दिखावा करें। ये सभी पर निर्भर करता है। किसी एक व्यक्ति को समर्पित नहीं है। ये आज की न्यु जेनरेशन को समर्पित है।
जय श्री राम जय श्री कृष्णा

©Santosh Kumar Dubey rishtye 

#us