तूम्हारी सच्चाई देख , हमारे पाव चलने लगे मै भी पगली सपनो कि उड़ान भरने लगी ना जानू क्या हूआ में काहा खोने लगी तूम्हारी आहट सून ,ना जाने कब मै नंगे पाव दोड़ने लगी हम जिस इंतजार से डरते थे कभी न जाने क्यूं वहीं इंतजार करने लगे #Sumitra kumari ©Vijay Kumar #पगली