अक्सर देखा जाता है, रिश्तो में जो बहाव है वो ठहर जाता है... तब जब हम रिश्तों से ज्यादा व्यावहारिकता को सम्मान, सत्कार और सद्भाव देने लगते हैं।
यह रिश्ता कोई भी हो सकता है..मां-बेटे का, पति-पत्नी का, सास-ससुर के साथ, दोस्तों के बीच या फिर प्रेमी प्रेमिकाओं का।
रिश्ते भावनाओं की नींव पर बसे होते हैं, बने होते हैं.. और बढ़ते हैं, चाहे वे खून से जुड़े हुए हो या नहीं। अगर नींव पर ही प्रहार किया जाए और भावनाओं की जगह व्यवहारिकता को दी जाए तो जब तक उस रिश्ते की शामत नहीं आ जाती तब तक उथल-पुथल चलती रहती है।
उपर कहे किसी भी रिश्ते की कहानी का सार कहूं तो बस एक ही।
आधुनिकता के दौर में सबको अपनी पड़ी है, और होनी भी चाहिए नही तो पीछे छूट जाएंगे। व्यवहारिक अगर ना बनें तो लोग फायदा उठाएंगे इन्हीं रिश्तों की आर में। #Collab#yqdidi#YourQuoteAndMine#musingtime#quotestitchers#yqquotestitchers#QShindi629