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#love आप कितने भी उम्रदराज़ क्यों न हो जाइए माँ

#love
आप कितने  भी  उम्रदराज़ क्यों न हो जाइए
माँ  तो  आपसे  बेटा ही कहती है अपने  अबोध मन की किलकिलारियों को  जो समझना  हो कभी तो माँ के  पास जाकर उसके  गले  लग जाना वो एक इतनी जगमगाती  कविता है  जिसके  समक्ष  बहुत भावुक कविताएँ भी  मद्धिम पड़ जाती हैं ---!!!

©Vivek
  #जगमगाती कविता
vivek7712018445095

Vivek

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#जगमगाती कविता

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