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काशी में विश्वनाथ धाम परियोजना के भाव में लोकार्पण

काशी में विश्वनाथ धाम परियोजना के भाव में लोकार्पण में यदि कुछ इंगित किया है तो यही है कि हमारे धार्मिक संस्कृति की स्थलों में देश के आस्था के साथ उनका गौरव भी बसता है और उसे सहज सवारने की आवश्यकता आवश्यकता की पूर्ति इसलिए होनी चाहिए क्योंकि बनारस जैसे सांस्कृतिक केंद्र हमारे समृद्ध अतिथि के साक्षी हैं प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र की इस महत्वकांक्षी परियोजना का महत्व इसलिए और अधिक बढ़ जाता है क्योंकि एक समय इसे असंभव सा माना जा रहा था यदि यह परियोजना भव्य दिव्य स्वरुप में साकार हो सके तो प्रधानमंत्री की दृढ़ इच्छाशक्ति और दर्द दुर्दशा के चलते इस परियोजना को आगे बढ़ाना एक जटिल कार्य था लेकिन यह देखना जाना सुखद है कि इससे पूरा करने में हर बाधा को सफलतापूर्वक पार किया गया और इस क्रम में कहीं कोई हां संतोष भी नहीं पनपने दिया गया स्पष्ट यही है कि इस परियोजना के किरिया वाहनों को एक आदर्श मानकर देश के अन्य धार्मिक एवं सांस्कृतिक स्थलों का होना चाहिए धार्मिक सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक महत्व ही सभी शहरों को अन्य प्राचीन वैभव के साथ विकसित करने की आवश्यकता है इसलिए बढ़ाई गई है क्योंकि हमारे अधिकांश धार्मिक स्थल भीड़ भाड़ अवस्था और नागरिक सुविधाओं के अभाव से ग्रस्त हैं इसके चलते न केवल पर्यटकों को तमाम समस्या से दो-चार होना पड़ता है बल्कि धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा देने में भी कठिनाई आती है हम इसकी भी अनदेखी नहीं कर सकते धार्मिक स्थलों में समय के साथ अनेक गुरुर किया भी पैदा हो गई और कुछ ना कुछ तो सनातन संस्कृति की दिव्यता को मलिन करने का काम किया गया है

©Ek villain # काशी में गौरव का अवसर

#NojotoRamleela
काशी में विश्वनाथ धाम परियोजना के भाव में लोकार्पण में यदि कुछ इंगित किया है तो यही है कि हमारे धार्मिक संस्कृति की स्थलों में देश के आस्था के साथ उनका गौरव भी बसता है और उसे सहज सवारने की आवश्यकता आवश्यकता की पूर्ति इसलिए होनी चाहिए क्योंकि बनारस जैसे सांस्कृतिक केंद्र हमारे समृद्ध अतिथि के साक्षी हैं प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र की इस महत्वकांक्षी परियोजना का महत्व इसलिए और अधिक बढ़ जाता है क्योंकि एक समय इसे असंभव सा माना जा रहा था यदि यह परियोजना भव्य दिव्य स्वरुप में साकार हो सके तो प्रधानमंत्री की दृढ़ इच्छाशक्ति और दर्द दुर्दशा के चलते इस परियोजना को आगे बढ़ाना एक जटिल कार्य था लेकिन यह देखना जाना सुखद है कि इससे पूरा करने में हर बाधा को सफलतापूर्वक पार किया गया और इस क्रम में कहीं कोई हां संतोष भी नहीं पनपने दिया गया स्पष्ट यही है कि इस परियोजना के किरिया वाहनों को एक आदर्श मानकर देश के अन्य धार्मिक एवं सांस्कृतिक स्थलों का होना चाहिए धार्मिक सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक महत्व ही सभी शहरों को अन्य प्राचीन वैभव के साथ विकसित करने की आवश्यकता है इसलिए बढ़ाई गई है क्योंकि हमारे अधिकांश धार्मिक स्थल भीड़ भाड़ अवस्था और नागरिक सुविधाओं के अभाव से ग्रस्त हैं इसके चलते न केवल पर्यटकों को तमाम समस्या से दो-चार होना पड़ता है बल्कि धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा देने में भी कठिनाई आती है हम इसकी भी अनदेखी नहीं कर सकते धार्मिक स्थलों में समय के साथ अनेक गुरुर किया भी पैदा हो गई और कुछ ना कुछ तो सनातन संस्कृति की दिव्यता को मलिन करने का काम किया गया है

©Ek villain # काशी में गौरव का अवसर

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