परिपक्वता एक पेड़ की तरह है, जो अपने बड़प्पन से गर्वित नहीं होता.. जब हवाएँ रौद्ररूप धारण करती हैं तो वो झुक जाता है, हालाँकि उसका कोई कुसूर नहीं होता फिर भी यद्यपि मनुष्यों में ये उदाहरण विरले मिलते हैं..! मनुष्य की परिपक्वता की परख उमर से नहीं सोच से होती है। नमस्कार लेखकों!😊 आज के इस #RzSimWriMoH10 पर collab कर परिपक्वता को पेड़ से जोड़ कर लिखें। अच्छे लिखन को highlight और हमारे Instagram पेज पर feature किया जाएगा। (लिंक bio में) हमारे पिन किये गए पोस्ट को पढ़ना ना भूलें ❤️