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कल हम दोनों छत पे बैठे थे रात को, वो चांद को निहा

कल  हम दोनों छत पे बैठे थे रात को,
वो चांद को निहारती रही और मैं अपने चांद को। #मुझे#चांद#चाहिए#
कल  हम दोनों छत पे बैठे थे रात को,
वो चांद को निहारती रही और मैं अपने चांद को। #मुझे#चांद#चाहिए#