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भाग 1. जवानी का प्यार सीने की आग आज बदन पे उतर गई

भाग 1.
जवानी का प्यार

सीने की आग आज बदन पे उतर गई
खुशबू तेरी बिस्तर से कमरे के कोने तक फैल गई,

जवानी की आस में
हमने देखा खुदको अलग रूप में।

आँसू टपके तेरे आँखों से
जब प्यार किया तुम्हे ज़ोर से,

चूमा तुम्हारे लाल होंठो पे
आँसू तुम्हारे आ टपके मेरे होंठों पे । भाग 1.
जवानी का प्यार

सीने की आग आज बदन पे उतर गई
खुशबू तेरी बिस्तर से कमरे कोने तक फैल गई,

जवानी की आस में
हमने देखा खुदको अलग रूप में।
भाग 1.
जवानी का प्यार

सीने की आग आज बदन पे उतर गई
खुशबू तेरी बिस्तर से कमरे के कोने तक फैल गई,

जवानी की आस में
हमने देखा खुदको अलग रूप में।

आँसू टपके तेरे आँखों से
जब प्यार किया तुम्हे ज़ोर से,

चूमा तुम्हारे लाल होंठो पे
आँसू तुम्हारे आ टपके मेरे होंठों पे । भाग 1.
जवानी का प्यार

सीने की आग आज बदन पे उतर गई
खुशबू तेरी बिस्तर से कमरे कोने तक फैल गई,

जवानी की आस में
हमने देखा खुदको अलग रूप में।

भाग 1. जवानी का प्यार सीने की आग आज बदन पे उतर गई खुशबू तेरी बिस्तर से कमरे कोने तक फैल गई, जवानी की आस में हमने देखा खुदको अलग रूप में। #paidstory #sujitquotes #skmquotes #skmshayari #sujitpoems