अमला जुटा हुआ है और हम स्वतंत्र हैं संस्थाएं सहमी हुई हैं और हम स्वतंत्र है . व्यवस्थाएं मानों सुरक्षा हो चली, आश्चर्य है आयोजन सरकारी हो चले और हम स्वतंत्र है . परचम से लेकर संविधान तक विवादित है बगलवाला भी जश्न मनाये और हम स्वतंत्र हैं . बच्चों पे समारोह टिके आयोजक झुंझलाए आधा देश पिकनिक मनाये और हम स्वतंत्र हैं . मुखिया के प्रयासों को कहीं राष्ट्र ही न डस ले अखंड़ता समस्या में है और हम स्वतंत्र हैं . आप सभी को शुभकामनाएं . धीर स्वतंत्र