जिंदगी के पथ पर, दो अजनबी इस तरह मिले मैं तरुणाई में डूबा था,वो मस्तानी शोख हसीना थी बस आंखें चार हुईं अपनी, और बातों में सन्नाटा था पलकें झुक गईं,कुछ बात हुई, राजी खुशी से शुरुआत हुई वो बातों को करती रही,और मैं उनमें बस डूबा रहा कुछ आहट सी हुई , सपना टूटा उस अजनबी हसीना से,बस इतनी सी बात हुई| #Ajnabi