मैं भी रावण तू भी रावण फिर खुद पर क्यों इल्ज़ाम करे है क्यों करे कलंकित रावण को सीताहरण तो आज राम करे है क्यों करे कलंकित रावण को ...... हर घर में लेती जन्म फूल सी कोमल जानकी जन्म से वो लड़े लड़ाई अपने स्वाभिमान की सीता की अग्निपरीक्षा तो हर कोई चाहे पर क्या कोई राम से काम करे है क्यों करे कलंकित रावण को ........ होता अगर इतना दुष्ट दशानन तो राम मार चरणाभिनन्दन न करता द्विज था वो महावीर लंकेश गर घायल न होता तो गर्जन न करता ऐसे ही न बनते महादानी तत्काल दस सिर दान करे है क्यों करे कलंकित रावण को ...... भले किया हो हरण उन्होंने पर क्या कभी सीता का अपमान किया है कहलाते हो तुम राम आज के पर क्या कभी किसी सीता का सम्मान किया है तुम सीता हो या हो शांता तुम्हारे चरणों में नीरज प्रणाम करे है क्यों करे कलंकित रावण को ......... ©Neeraj Vats #Dussehra2021 #Vijaydashmi #NojotoRamleela मैं भी रावण तू भी रावण फिर खुद पर क्यों इल्ज़ाम करे है क्यों करे कलंकित रावण को