ये गोरी लाखों दिवानो की लिये जान बैठी है तू मेरी भी छीने अरमान बैठी है क्यू छोड़ती है लोगों पर मुस्कान अपनी क्या सजाये तू रूप की दुकान बैठी है प्यारी हो तुम न्यारी हो