Nojoto: Largest Storytelling Platform

पति अगर जबरदस्ती करे और काम-उपभोग में ले जाए तो

पति अगर जबरदस्ती करे

और काम-उपभोग में ले

जाए तो स्त्री क्या करे?

मेरा मानना है- इसे प्रयोग करें,
समझें और सोचें-
अगर पति जबरदस्ती ले जाता है
काम-उपभोग में, तो ठीक
काम-उपभोग के क्षण में,

ठीक इंटरकोर्स के क्षण में
अपने मन में पूरी प्रार्थना करें
कि पति के जीवन में शांति हो,
पति के जीवन में प्रेम हो।

ठीक उस क्षण
में प्रार्थना करें
अपन मन में।

उस क्षण में पत्नी और
पति की आत्माएँ अत्यंत
निकट होती हैं,
अत्यंत निकट होती हैं।

उस क्षण में पत्नी के मन
में जो भी उठेगा वह पति के
मन तक संक्रमित हो जाता है।

अगर उस क्षण में यह प्रार्थना
की है कि पति के
जीवन में शांति और प्रेम हो,

सेक्स क्षीण हो,
कामोत्तेजना क्षीण हो,
उसके मन के विकार गिरें,

अगर पत्नी ने यह बहुत प्रेमपूर्ण प्रार्थना की है,
इसके फल तत्क्षण दिखाई पड़ने शुरू हो जाएँगे।
क्योंकि उस क्षण पति और पत्नी दो शरीर ही होते हैं,
उनकी आत्माएँ अत्यंत निकट हो जाती हैं।
और उस क्षण में जो भी भाव हों,
वे एक-दूसरे में प्रविष्ट हो जाते हैं।

तात्कालिक करने के लिए
मैं यह कहता हूँ।
लेकिन लंबे जीवन के प्रवाह
में इतना प्रेम देने को कहता हूँ
कि प्रेम इतनी पवित्रता को पैदा कर
दे कि सेक्स की कल्पना धीरे-धीरे क्षीण
हो जाए और विलीन हो जाए।

ओशो नारी और क्रांति

©KhaultiSyahi #woman
#wife
#maratialrape
#Rape 
#Raped 
#khaultisyahi
#follow4follow 
#like4like
पति अगर जबरदस्ती करे

और काम-उपभोग में ले

जाए तो स्त्री क्या करे?

मेरा मानना है- इसे प्रयोग करें,
समझें और सोचें-
अगर पति जबरदस्ती ले जाता है
काम-उपभोग में, तो ठीक
काम-उपभोग के क्षण में,

ठीक इंटरकोर्स के क्षण में
अपने मन में पूरी प्रार्थना करें
कि पति के जीवन में शांति हो,
पति के जीवन में प्रेम हो।

ठीक उस क्षण
में प्रार्थना करें
अपन मन में।

उस क्षण में पत्नी और
पति की आत्माएँ अत्यंत
निकट होती हैं,
अत्यंत निकट होती हैं।

उस क्षण में पत्नी के मन
में जो भी उठेगा वह पति के
मन तक संक्रमित हो जाता है।

अगर उस क्षण में यह प्रार्थना
की है कि पति के
जीवन में शांति और प्रेम हो,

सेक्स क्षीण हो,
कामोत्तेजना क्षीण हो,
उसके मन के विकार गिरें,

अगर पत्नी ने यह बहुत प्रेमपूर्ण प्रार्थना की है,
इसके फल तत्क्षण दिखाई पड़ने शुरू हो जाएँगे।
क्योंकि उस क्षण पति और पत्नी दो शरीर ही होते हैं,
उनकी आत्माएँ अत्यंत निकट हो जाती हैं।
और उस क्षण में जो भी भाव हों,
वे एक-दूसरे में प्रविष्ट हो जाते हैं।

तात्कालिक करने के लिए
मैं यह कहता हूँ।
लेकिन लंबे जीवन के प्रवाह
में इतना प्रेम देने को कहता हूँ
कि प्रेम इतनी पवित्रता को पैदा कर
दे कि सेक्स की कल्पना धीरे-धीरे क्षीण
हो जाए और विलीन हो जाए।

ओशो नारी और क्रांति

©KhaultiSyahi #woman
#wife
#maratialrape
#Rape 
#Raped 
#khaultisyahi
#follow4follow 
#like4like
sallyraand9713

KhaultiSyahi

Bronze Star
New Creator