हां माना मैंने दुनिया की इस दौड़ में सबसे पीछे हूं ! धोखा देने वाली रफ्तार नहीं है मेरी क्योंकि नहीं आती है चालाकियां मुझे , ना ही जीतने के लिए किसी को गिराना आता है , लेकिन एक बात ध्यान रखना इस दौड़ में जीतूंगा सिर्फ में ! ( नवीन विश्वकर्मा )