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Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat सम्भल लूं। सम्भ

Written by Harshita ✍️✍️
#Jazzbaat
सम्भल लूं।
सम्भलं लूं या परखं लूं।
ओरा मेरा ना तेरी ओर।
किस क़दर विश्वास करूं।
मुखौटें लगाएं जीते रहे।
परखु किसको जताऊं किसको।
तूं होते हुए भी कभी नहीं रहा।
खिलवाड़ करा दिखावा करता रहा।
चलती रही साथ देना था।
सिला मिला दिखावा तेरा।
ममता मेरी खिलवाड़ तेरा।
महज़ इतिफांक नहीं जाना तेरा।
मोरं की खाल में गिद्धों की तरह नोचा तुने।
मज़बूर होती थी मज़बूत बनाने लगी।
ज़िन्दगी की राह में कांटे।
बिछां में अकेले चलती रही।
अंधेरी रातों को जागताउदाहरण।
बन कर गुजरने की तरह जज़्बा रखती रही।
सम्भल लू या परखूं लूं।
ख़ुद को ख़ुद से पहचान लूं।
मां के हाथों की लकीरों में क़लम थाम ली।
अपने जीवन की कल्पना को सच्चाई बयान।
कर जीने की प्रबल इच्छा ज़ाहिर कर दी। #Lifequote #words #feelings #yqbaba #yqdidi #yqquotes
Written by Harshita ✍️✍️
#Jazzbaat
सम्भल लूं।
सम्भलं लूं या परखं लूं।
ओरा मेरा ना तेरी ओर।
किस क़दर विश्वास करूं।
मुखौटें लगाएं जीते रहे।
Written by Harshita ✍️✍️
#Jazzbaat
सम्भल लूं।
सम्भलं लूं या परखं लूं।
ओरा मेरा ना तेरी ओर।
किस क़दर विश्वास करूं।
मुखौटें लगाएं जीते रहे।
परखु किसको जताऊं किसको।
तूं होते हुए भी कभी नहीं रहा।
खिलवाड़ करा दिखावा करता रहा।
चलती रही साथ देना था।
सिला मिला दिखावा तेरा।
ममता मेरी खिलवाड़ तेरा।
महज़ इतिफांक नहीं जाना तेरा।
मोरं की खाल में गिद्धों की तरह नोचा तुने।
मज़बूर होती थी मज़बूत बनाने लगी।
ज़िन्दगी की राह में कांटे।
बिछां में अकेले चलती रही।
अंधेरी रातों को जागताउदाहरण।
बन कर गुजरने की तरह जज़्बा रखती रही।
सम्भल लू या परखूं लूं।
ख़ुद को ख़ुद से पहचान लूं।
मां के हाथों की लकीरों में क़लम थाम ली।
अपने जीवन की कल्पना को सच्चाई बयान।
कर जीने की प्रबल इच्छा ज़ाहिर कर दी। #Lifequote #words #feelings #yqbaba #yqdidi #yqquotes
Written by Harshita ✍️✍️
#Jazzbaat
सम्भल लूं।
सम्भलं लूं या परखं लूं।
ओरा मेरा ना तेरी ओर।
किस क़दर विश्वास करूं।
मुखौटें लगाएं जीते रहे।