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ख्वाजा जी के दर पर अश्क़ भूल आया हूँ अपने, जाउग

ख्वाजा जी के दर 
पर अश्क़ भूल आया हूँ 
अपने,

जाउगी जब आज शाम 
लेती आना, 

क्यूंकि कल मैं तुम्हारे 
लाया था !

©१:११ ख्वाजा जी के दर 
पर अश्क़ भूल आया हूँ 
अपने,

जाउगी जब आज शाम 
लेती आना, 

क्यूंकि कल मैं तुम्हारे
ख्वाजा जी के दर 
पर अश्क़ भूल आया हूँ 
अपने,

जाउगी जब आज शाम 
लेती आना, 

क्यूंकि कल मैं तुम्हारे 
लाया था !

©१:११ ख्वाजा जी के दर 
पर अश्क़ भूल आया हूँ 
अपने,

जाउगी जब आज शाम 
लेती आना, 

क्यूंकि कल मैं तुम्हारे