ये खुशबु कैसी तेरे इन काले बालो मे, क़यामत सा ढहा रहा, काला तिल तेरे इन गालों पे, आजकल बहोत खूबसूरत सी लगने लगी हैं, जैसे भिगो कर बनाया है तुझे, सावन की बारिश में, एक के बाद एक मौसम बीत जाने के बाद पाया है, तूने ऐसा रूप कई सालों मे, क्या हसीन अदा हैं तेरी इन खूबसूरत चालों मे, नजदीक आके देखा है, खुशबु बरसती हैं तेरी सांसो मे, नियत साफ है तेरी, कोई और नहीं, बस मेरा ही प्यार नज़र आता है, तेरी इन आँखों में, मैंने बड़े प्यार से बसायी है तेरी सूरत, मेरी धड़कनो में, तूझे देखकर मन मेरा हुआ जाए, बावरा, तेरे ही इन ख्यालों मे, जब से देखा है तुझे आजकल तू ही है मेरे सवालों मे, तू उलझा सा सवाल ऐसा कोई, तेरा मिलता ही नहीं ज़वाब, मेरे इन जवाबों में, तू है कि नहीं, मुझे पता नहीं, मैंने नाम तेरे ही कर दी है, ये जिन्दगी तेरे, इन भीगी सी रातो में, Dedicating a #testimonial to shelly Agarwal