मेरी खामोशियों को पढ़ लेना आकर जो इन दीवारों पर लिखती जा रही हूं बहुत मोल है बाज़ार में लफ़्ज़ों का बरबस ही इनपर बिकती जा रही हूं ☝😓#ऋतु #लफ़्ज़ों पर बिकते हम