"श्रीराम चरितावली" प्रस्तावना : जिनका मुख-मंडल देख, अश्रु जल छलके अविराम। वे हैं नील मणि की भाँति, मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम।। दशरथ के नंदन बड़े अद्भुत,